यूपीएससी परीक्षा दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। कई लोग इसे पास करने का सपना देखते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ऐसा कर पाते हैं। इस परीक्षा में सफल होने के लिए आपको प्रतिदिन अत्यधिक कठिन परिश्रम करना होगा।
IAS PCS Village : बहुत से लोग यूपीएससी परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानते हैं। किसी को इसे पास करते देखना दुर्लभ है, लेकिन जो प्रयास करते हैं वे आमतौर पर सफल होते हैं।
इसी तरह लगभग हर विषय का ज्ञान होना भी जरूरी है। वहीं अगर कोई यूपीएससी की परीक्षा पास कर लेता है तो उसके चर्चे आसपास के इलाके में शुरू हो जाएंगे।
जिला केंद्र से 11 किमी पूर्व में स्थित इस गांव के लगभग हर घर में आईएएस व पीसीएस अफस अधिकारी होता है। प्रशासनिक सेवाओं में ही नहीं बल्कि भाभा परमाणु केंद्र, इसरो, मनीला और विश्व बैंक जैसे संस्थानों में उच्च पदों पर भी गांव के होनहार लोग मौजूद हैं।
आजादी से पहले 1914 में बने मोहम्मद मुस्तफा हुसैन डिप्टी कलेक्टर
1914 में मोहम्मद मुस्तफा हुसैन इसी गांव में डिप्टी कलेक्टर बने और 1952 में डॉ. इंदुप्रकाश ने यहां से यूपीएससी की परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की.
माधोपट्टी गांव में सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि यहां की बेटियां और बहुएं भी झंडा फहराती थीं। 1980 में आशा सिंह, 1982 में उषा सिंह और 1983 में इंदु सिंह गांव से अधिकारी बनीं। गांव के ही अमिताभ सिंह की पत्नी सरिता सिंह भी आईपीएस अफसर बनीं।
75 घरों वाले पूरे गांव में 47 आईएएस
इस गांव में सिर्फ आईएएस और आईपीएस ऑफिसर ही पैदा हुए हैं। गांव में 47 आईएएस और 75 परिवार हैं, जो देश भर में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों की सेवा कर रहे हैं। देश की आजादी से पहले भी यहां के लोग प्रशासनिक सेवाओं में लगे हुए थे।