यूपीएससी परीक्षा को देश में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने का सपना हर कोई देखता है। लेकिन केवल चुने हुए ही इसे पास कर सकते हैं। क्योंकि सफल होने के लिए दिन-रात मेहनत करने के साथ-साथ सभी विषयों की जानकारी होना भी जरूरी है।
हालाँकि यह परीक्षा इतनी कठिन है, फिर भी बहुत से लोग पास होते हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक अधिकारी के बारे में बताएंगे। जो तमाम बाधाओं को पार कर आईएएस अफसर बनीं।
इस आईएएस महिला का कद छोटा है, इसलिए बचपन से ही उन्हें उपहास और उपहास सुनना पड़ा है, लेकिन वह सबके सामने सिर नहीं झुकाती हैं, बल्कि सबके लिए मिसाल पेश करने का अहंकार रखती हैं। जिसने उसका मजाक उड़ाया। यह कहानी आईएएस आरती डोगरा की है।
आरती डोगरा साढ़े तीन मीटर लंबी हैं
आरती डोगरा की ऊंचाई साढ़े तीन फ़ीट है। आरती का जन्म उत्तराखंड के देहरादून जिले में हुआ था। आरती के पिता कर्नल राजेंद्र डोगरा हैं और उनकी मां कुमकुम डोगरा हैं, जो एक निजी स्कूल की प्रिंसिपल हुआ करती थीं। आरती अपने माता-पिता की इकलौती संतान है।
आरती की हाइट 3 फीट है। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गई, लोग उसके रूप-रंग पर सवाल उठाने लगे। उन्हें खुश करो। लेकिन उनके माता-पिता ने हमेशा आरती का साथ दिया। उन्हें आम बच्चों की तरह पालें।
ट्रेनिंग आईएएस आरती डोगरा
आरती की प्रारंभिक शिक्षा ब्राइटलैंड स्कूल में हुई। बाद में आरती ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। वापस लौटने के बाद उन्होंने देहरादून में ही मास्टर डिग्री हासिल की। फिर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की।
पढ़ाई के दौरान आरती की मुलाकात तत्कालीन आईएएस मनीषा पंवार से हुई। मनीषा उनका मार्गदर्शन करती है और आरती आईएएस बनने के लिए दृढ़ संकल्पित है। अपने पहले प्रयास में आरती डोगरा ने सिविल सेवा परीक्षा पास की।