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अनाथालय में पले, चपरासी की नौकरी करी, पान भी बेचा, इस सब काम को करने बाद पायी IAS अफसर बनने में सफलता , इनकी कहानी से आप भी हार मानना भूल जाओगे

कुछ लोगों का मानना ​​है कि यदि कोई व्यक्ति बिना नाम के पैदा होता है, तो उसने मानव कहलाने का अधिकार अर्जित नहीं किया है। कुछ लोग धनी परिवारों में पैदा होते हैं, कुछ लोग जो चाहते हैं उसे पाने के लिए अपना पूरा जीवन संघर्ष करते हैं, और कुछ लोगों को जो वे चाहते हैं उसे पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। सफलता पाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन नामुमकिन नहीं।

यूपीएससी परीक्षा में सफलता आसानी से नहीं मिलती- इसके लिए छात्रों से कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है, खासकर भारत जैसे देश में, जो अक्सर समस्याओं से ग्रस्त रहता है। हालाँकि, यदि आप प्रयास करने और धैर्य रखने के इच्छुक हैं, तो आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

IAS Mohammed Ali Shihab UPSC Success Story

देश में ढेरों ऐसे आईएएस आईपीएस अधिकारी (IAS-IPS Officer) हैं, जिन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया परंतु आज भी अपना जीवन काफी अच्छे से जी रहे हैं। आज हम एक ऐसे ही आईएएस अधिकारी की बात करेंगे जिसने अपने संघर्ष के दिनों में चपरासी की नौकरी तक की परंतु आज आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा कर रही है।

अनाथालय में की पढ़ाई और चपरासी के रूप में किया काम किया, अपनी कड़ी मेहनत से UPSC पास कर IPS बने मोहम्मद अली शिहाब – Aapano Jaipur

आईएएस अधिकारी मोहम्मद अली शिहाब

आज हम इस लेख के माध्यम से आईएएस अधिकारी मोहम्मद अली शिहाब (IAS Mohammed Ali Shihab) की बात करेंगे। शिहाब केरल (Kerala) के मलप्पुरम (Malappuram) जिले में 15 मार्च वर्ष 1980 में एक मुस्लिम परिवार में जाने। उनके पिता कोरोट अली बास की टोकरिया और पान का व्यापार करते थे।

Success Story: Muhammad Ali Shihab Stayed in Orphanage, Sold Paan, Passed 21 Govt Exams Before Becoming an IPS

उनकी माता फातिमा अली ग्रहणी थी। शिहाब के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी ज्यादा खराब थी। शिहाब अपने पिता के साथ उनके कारोबार में मदद करता था। शिहाब की माता फातिमा पढ़ी-लिखी नहीं थी इसीलिए मैं अपना घर परिवार संभालती थी।

Meet IPS officer Mohammed Ali Shihab who studied in orphanage, sold baskets, worked as a peon, then cleared UPSC

पिता ने छोड़ा साथ

शिहाब के पिता कोरोट अली काफी लंबे समय से किसी बड़ी बीमारी से ग्रसित थे। शिहाब के पिता ही थे, जो पूरे परिवार को संभाले हुए थे, परंतु दुर्भाग्यवश उनके पिता का देहांत हो गया। जिसके बाद से उनकी पारिवारिक स्थिति और भी ज्यादा खराब होने लगी।

Mohammad Ali Shihab : अनाथालय में रहकर बने IAS, 4 भाई-बहन व पत्नी भी सरकारी नौकरी में | ias officer Mohammed Ali Shihab Success Story Orphanage Kerala to Nagaland - Hindi Oneindia

उनकी स्थिति इतनी ज्यादा खराब हो गई कि उनकी माता को अपने बच्चों को पालना भी कठिन लगने लगा। शिहाब की माता पढ़ी-लिखी नहीं थी और ना ही उनके पास कोई रोजगार था स्थिति में शिहाब और उनके भाई बहन को उनकी मां फातिमा ने उन्हें अनाथालय में छोड़ दिया।

Outgoing DC Kohima welcoming the new DC Mohammad Ali Shihab | DIPR Nagaland-Department of Information & Public Relations, Nagaland

अनाथालय में रहकर की पढ़ाई

शिहाब अनाथालय में रहकर शिक्षा के प्रति जागृत हुए उन्हें लगा कि शिक्षा ही वह जरिया है, जिसके माध्यम से वे खुद को इस दुनिया में पालने लायक हो जाएंगे, इसीलिए उन्होंने अनाथालय में रहकर ही कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई की।

From Orphanage to IAS: How a Kerala Boy Found His Calling - Indian Masterminds - Bureaucracy, Bureaucrats, Policy, IAS, IPS, IRS, IFS, Civil Services, UPSC, Government, PSUs complete information, NEWS, Transfers, Features,

इसके बाद कामकाज करके ग्रेजुएशन किया और यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। वर्ष 2011 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) दी और 226 वी रैंक लाकर आईएएस का पद अपने नाम किया।

तंगी के कारण कभी पान बेचे तो कभी दुकान पर काम किया, फिर किस्मत बदली और मेहनत कर IAS अधिकारी बन गए

तीसरे प्रयास में मिली सफलता

अनाथालय में पले बढ़े, पान बेचा, IPS बनने से पहले 21 सरकारी एग्जाम्स पास किए | Success Story of IPS Officer Muhammed Ali Shihab Who Passed 21 Govt Exams | TV9 Bharatvarsh

जानकारी के अनुसार आईएएस अधिकारी शिहाब अली को तीसरी बार में सफलता प्राप्त हुई। इस वक्त पर नागालैंड कैडर में अपनी सेवा दे रहे है। प्रतिवर्ष लाखों उम्मीदवार यूपीएससी की परीक्षा में अपने अपने सपनों के साथ बैठते हैं परंतु कुछ लोग हैं, जो इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर पाते हैं।

आईएएस अधिकारी शिहाब अली उन सभी अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा है, जो हालातों के आगे झुक जाते हैं और मेहनत करना छोड़ देते हैं। जो हालातों से लड़ना जानता है जीवन में जीत उसी की होती है।

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